सोमवार, 5 सितंबर 2011

लेकिन पत्रकार भाइयों ! मेरा नाम हैं बम्बई फिल्म इंडस्ट्री !


लेकिन पत्रकार भाइयों ! मेरा नाम हैं बम्बई फिल्म इंडस्ट्री ! 
निर्देशक की डायरी १०
पूरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पिछले १५ साल से गिड़गिड़ा रही है की हम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री या भारतीय फिल्म इंडस्ट्री या बम्बई फिल्म इंडस्ट्री कहे जाना पसंद करते हैं. बम्बई फिल्म इंडस्ट्री, कलकत्ता फिल्म इंडस्ट्री, मद्रास फिल्म इंडस्ट्री और लाहौर फिल्म इंडस्ट्री, यही चार पुराने नाम और शहर हैं जहाँ से भारत में सिनेमा बनना शुरू हुआ. बम्बई फिल्म इंडस्ट्री को कब कुछ महामूर्ख पत्रकारों ने बॉलीवुड जैसा नितांत नकलची नाम चिपका दिया, आज अनुसन्धान का विषय है. १९३२ में जब कलकत्ता फिल्म इंडस्ट्री बाकि सबसे ज्यादा और बेहतर सिनेमा प्रोड्यूस कर रही थी तो उसने अपने आप को टॉलीवुड कहना शुरू कर दिया. "The term "Bollywood" has origins in the 1970s, when India overtook America as the world's largest film producer. Credit for the term has been claimed by several different people, including the lyricist, filmmaker and scholar Amit Khanna, and the journalist Bevinda Collaco." 
 इंटरनेट पर उपलब्ध उपरोक्त सूचना ये बता रही है की इस शब्द को दो महानुभाओं एक गीतकार और एक पत्रकार ने प्रमोट किया. गीतकार हों या पत्रकार इनका चरित्र लगभग एक जैसा ही होता है. गीतकार भावों को गुनगुनाते हैं और पत्रकार सूचनाओं को. कुछ चलताऊ विचारों के सिवा इन दोनों तरह के चरित्रों में समानता देखी जा सकती है. इन्हें बिकाऊ सामान बनाना है. इन्हें जल्द जुबान पर चढ़ने वाला अल्फाज़ चाहिए, बिना प्रयत्न भेजे में धसकने वाले विचार चाहिए. ऐसे में बॉलीवुड सुविधाजनक है. भले ही इसके पीछे हॉलीवुड की नक़ल की दरिद्र मानसिकता जाहिर होती है. १९७० में हॉलीवुड से संख्या में ज्यादा फिल्में बना लेने के कारण कुछ लोगों ने ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में इस शब्द का सप्रयास प्रवेश कराया. 
मै फिर से बम्बई फिल्म इंडस्ट्री शब्द को प्रतिष्ठित देखना चाहता हूँ. समूचे भारत में जो सिनेमा बनता है जिसे इंडियन सिनेमा कहा जाना उचित है. बम्बई फिल्म इंडस्ट्री को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री कहने के पीछे साफ़ तर्क ये है कि यहाँ सबसे ज्यादा हिंदी सिनेमा बनता है और दुनिया में वह इसी के लिए ख्यात है लेकिन यहाँ सिर्फ हिंदी सिनेमा ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान की हर भाषा का सिनेमा बनता है. हिन्दुस्तानी इंग्लिश या हिंगलिश भी उन्ही में एक है. ऐसे में इसका ओरिजिनल और पुराना नाम बम्बई फिल्म इंडस्ट्री ही मुझे सबसे ज्यादा आत्मीय लगता है. 
शहरों के बदलते नाम भी मुझे ऐसा अहसास दिलाते हैं जैसे किसी दोस्त ने बोलचाल के चिर परिचित नाम से बुलाये जाने से इंकार कर दिया हो और अब चाहता हो कि उसे स्कूल के नाम से बुलाया जाये.
" अब मै कोलकाता हूँ, मुझे कलकत्ता मत बोल जाहिल !"
"अब मै मुंबई हूँ   ........
अब मै चेन्नई हूँ.....

लेकिन पत्रकार भाइयों ! मेरा नाम हैं बम्बई फिल्म इंडस्ट्री ! 

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