मंगलवार, 3 अगस्त 2010

व्यवस्था ....(system - 1, 2 )

व्यवस्था .....
               १.
ग्लोब पर चढ़ी  हुई है एक चीटीं
ग्लोब में घुसा हुआ है एक तिलचट्टा
एक झींगुर लिख रहा है नए नक़्शे
पढ़  रही है एक मक्खी ,

गुबरैले चला रहे है चक्की .

चल रही है व्यवस्था !...
          २.
शांत रहो ..अभी व्यस्त है वैज्ञानिक
मानवनाशी बम बनाने में -
 एक सुरक्छित कंडोम तक जो नहीं बना सके !
व्यस्त है प्रधानमंत्री !
सीमा विवाद सुलझाने में .....
सभी व्यस्त है !... तुम अपनी भूखी चीख दबाओ !
दर्द पी जाओ ...
चलने दो व्यवस्था ....