मंगलवार, 10 जनवरी 2012

अबोला न समझना..


अबोला न समझना..

सुनो मेरे प्यार !
अपने हर अनुभव को मै अल्फाज नहीं दूंगा .

मै तुम्हारे पास बैठूँगा और ये
कायनात हमारी होगी
बिना कहे भी तो सारे अर्थ अभिभूत कर जाते हैं
शब्दों का साधक मै
मेरा वादा है कि मै अपने सभी अनुभवों को शब्द
नहीं दूंगा क्योंकि
जब भी हमारे बीच शब्द आते हैं:
सिर्फ शब्द रह जाते हैं,
हम नहीं .

 हर पल
मुझे तुम्हारी पूरी मौजूदगी चाहिए
इसीलिए....

अनुपम
( 10-1-2012,Bombay,)