सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

Kitaab

केवट ने कहा- सुनो सिद्धार्थ! नदी  अपने उद्गगम,प्रवाह(बहाव) और अवसान तीनों ही स्थलों पर एक ही साथ एक ही समय में होती है; यही है अतीत, वर्तमान और भविष्य,  ऎसा नदी ने मुझसे कहा है. यही  है बचपन, जवानी और मृत्यु !
सिद्धार्थ
लेखक: हरमन हेस