शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

कला का वर्तमान समय और काशी का अस्सी 

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर देखने और उसकी भाषा ( फिल्म भाषा नहीं, संवादों की भाषा क्योंकि फिल्म भाषा पर हमारे फ़िल्मकार सोच लेते हों तो वही काफी है, पत्रकार और प्रतिक्रियाकार तो बिलकुल नहीं सोचते .) की भारी आलोचना सुनने के बाद मैंने फिर से काशी का अस्सी पढ़ा. एक पाठकीय नजरिये से देखने पर  इस उपन्यास में वर्तमान समय को जिस मजबूती से पकड़ा गया है, वह आश्चर्यजनक है. मैं अभिभूत हो गया. यह अपने समय का एक अनूठा दस्तावेज है. 
 मैंने अपने आठ वर्ष  डॉ. काशीनाथ सिंह के सानिध्य में बिताये हैं. आलोचना और सीधे सच बोलना भी इनसे सीखा है. डॉ. काशीनाथ सिंह एक साइलेंट लेखक हैं और बेहद -बेहद अच्छे गुरु.
चाणक्य सीरियल और पिंजर फिल्म से अपनी गुरुता को जगत विख्यात कर चुके डॉ. चन्द्र प्रकाश द्विवेदी की इसी उपन्यास पर आधारित फिल्म मोहल्ला अस्सी  का इन्तजार है. चंद्रप्रकाश द्विवेदी एक जीनियस डाइरेक्टर और साथ ही अपनी फिल्मों को लेट करने के लिए भी जगत विख्यात हैं.
 ये फिल्म कब आएगी भाई ? कोई तो बताये...?

अनुपम 
6-07-2012