शनिवार, 19 नवंबर 2011

लहसुन का पेड़ एक कवि समय है.

निर्देशक की डायरी १८  

लहसुन का पेड़ एक कवि समय है.


अनुपम 


मुह है तो मुहावरा है - कवि आभा बोधिसत्व की इस उक्ति से मै सहमत हूँ.

 कवि समय उन मुहावरों या उक्तियों को कहते हैं जो कविता के भीतर सत्य मानी जाती हैं. जैसे मानसरोवर में हंसों का मोती चुगना, यमुना में कमल का खिलना आदि. ये 

यथार्थ नहीं हैं लेकिन कविता को अर्थ देने में सहयोगी हैं. भाषा के दायरे में ये यथार्थ हैं.

लहसुन का पेड़ भी एक कवि समय माना जा सकता है. क्योंकि 'लहसुन का पेड़' नहीं होता जड़ होती है लेकिन निरर्थक व्यक्ति या बात के लिए आजकल ये मुहावरा प्रचलन  में है .

पिछले डेढ़ दशक से 'बहन जी का ......' भी एक मुहावरे के रूप में प्रयुक्त हो रहा है, इसका प्रयोग चमचा टाइप लोगों के लिए होता है.


उसी तरह 'चूतियम सल्फेट' भी एक नया मुहावरा है. सुनकर लगता है की किसी रसायन का नाम है. लेकिन ऐसा कोई रसायन होता ही नहीं.बिना मतलब के लोगों के 
लिए इसका प्रयोग किया जाता है या फिर विशेष लोगों के लिए.

 

आप भी कुछ नए मुहावरे बताइये. 


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