ज्ञान विज्ञान को संस्कृत से जन भाषा में ले आने वाले कुछ मध्यकालीन कवियों के ख़याल ---
देसिल बयना सब जन मिठ्ठा
ते तैसिय जम्पओं अवहट्टा .( संभवतः - विद्यापति )
भाखा बहता नीर है संस्कृत कूप समान ! (कबीर)
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