शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

राजकमल चौधरी के लिए ; Rakamal chaudharee ke liye

राजकमल चौधरी के लिए

उसे आदमी और आदमी में फर्क कर के जीना था
इसीलिये एक की नजर में वो हीरा आदमी था
 तो दूसरे की नजर में कमीना था !

धूमिल (१९६० से १९७०)

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