मंगलवार, 17 अगस्त 2010

डर के आदिम वायरस

डर के आदिम वायरस

डर लगता है कि गुरुवार को दाढ़ी बनाऊंगा तो
गुरुग्रह नाराज हो जायेंगे
सोमवार को पिताजी बुरा मानेंगे :
मंगलवार को हनुमान जी
शनिवार को शनि देव !

सोचता हु दाढ़ी छोड़ दूँ इन देवताओं कि ख़ुशी के लिए;
हाँलाकि मुझे नहीं लगता कि आसमान के पीछे बैठकर
वे लोग यही सब देख रहे हैं ! ?


हमारे सामूहिक मन में डर के आदिम वायरस हैं,
जो हमारे बच्चों तक आसानी से चले जाते हैं .

2 टिप्‍पणियां:

Manish ने कहा…

Sach kaha aapne....

mujhe khud daadhi banaye 2 hafte ho gaye...

padhai se fursat hi nahin milti...
aaj zaraa sa mauka mila to yaad aaya ki aaj to tuesday hai.. :P :P

baba type shakal ho gayi hai.. lekin kya kare vahi darr.. :)

Dr. Anupam Ojha ने कहा…

Ritu Mishra
August 18, 2010 at 5:31pm

anupam ji,
aapki kavita padhi,aapki tarah hi suljhi hui aur majboot hai. keep it bhaiya ....... sarjana aur sumita ji kaisi hai mera hello boliyega.