संसार के पुनर्नवीकरण में शायद यह होगा कि तमाम झूठी भावनाओं और वितृष्णा से मुक्त होकर युवक और युवती एक दूसरे को ढूंढेंगे, विपरीतों कि तरह नहीं, बन्धु- बांधवों कि तरह, पड़ोसी की तरह, और मनुष्यों कि तरह मिल जायेंगे !
रायनर मारिया रिल्के , लैटर्स टू ए यंग पोएट (एडिनबरा, १९४५),पेज .23
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