केवट ने कहा- सुनो सिद्धार्थ! नदी अपने उद्गगम,प्रवाह(बहाव) और अवसान तीनों ही स्थलों पर एक ही साथ एक ही समय में होती है; यही है अतीत, वर्तमान और भविष्य, ऎसा नदी ने मुझसे कहा है. यही है बचपन, जवानी और मृत्यु !
सिद्धार्थ
लेखक: हरमन हेस
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