व्यवस्था .....
१.ग्लोब पर चढ़ी हुई है एक चीटीं
ग्लोब में घुसा हुआ है एक तिलचट्टा
एक झींगुर लिख रहा है नए नक़्शे
पढ़ रही है एक मक्खी ,
गुबरैले चला रहे है चक्की .
चल रही है व्यवस्था !...
२.
शांत रहो ..अभी व्यस्त है वैज्ञानिक
मानवनाशी बम बनाने में -
एक सुरक्छित कंडोम तक जो नहीं बना सके !
व्यस्त है प्रधानमंत्री !
सीमा विवाद सुलझाने में .....
सभी व्यस्त है !... तुम अपनी भूखी चीख दबाओ !
दर्द पी जाओ ...
चलने दो व्यवस्था ....