अपने हिमालय पर
अनुपम
बातें बहुत ज्यादा हैं
बातें बहुत ज्यादा हैं
मौन सही है.
हवा के एक झोंके से
बहुत पास आ गया था
अब
अपने पास आ गया हूँ.
मेरे प्यार की इंटेंसिटी इतनी ज्यादा थी
कि
एक ठंढे तार ने फ्यूज उदा दिए और
अफ़सोस ये है कि
मैंने प्यार कर सकने वाला दिल गवां दिया.
तुमने
जितने हलके में मुझे लिया
मै उतना हल्का नहीं था
मै भारी था
छूट गया
जमीन पर गिर गया
मिटटी में मिल गया .
अब तुम दौड़ रही हो
जब कि मै चला आया हूँ
अपने हिमालय पर .
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