सोचता हूँ कि उसकी मदद कर दूँ
तो झाड़ू उठाता हूँ कि घर साफ़ कर दूँ
शुरू होते ही वह कहती है कि रहने दीजिये मैं कर दूंगी
तो झाड़ू उठाता हूँ कि घर साफ़ कर दूँ
शुरू होते ही वह कहती है कि रहने दीजिये मैं कर दूंगी
तो बर्तन ही धो दूँ , सोचकर नल के पास जाता हूँ कि वह आती है
और कहती है कि
रहने दीजिये मैं कर दूंगी
और कहती है कि
रहने दीजिये मैं कर दूंगी
कपडे ही धो दूँ , ऐसा सोचकर कि
कुछ उसकी मदद हो जायेगी,
जाता हूँ नहान घर में कि
उसकी आवाज आती है - नहाकर जल्द आ जाओ !
खाना लगा रही हूँ , शाम को धो लुंगी मैं कपडे
नहाते हुए !
कुछ उसकी मदद हो जायेगी,
जाता हूँ नहान घर में कि
उसकी आवाज आती है - नहाकर जल्द आ जाओ !
खाना लगा रही हूँ , शाम को धो लुंगी मैं कपडे
नहाते हुए !
इस तरह अपने ही घर में बनाकर मेहमान,
मारती हैं रोज ब रोज जो औरतें,
यों चारदीवारी की अपनी सीमित दुनिया से
बेदखल करती हैं पुरुषों को पति बनाकर --
जो या तो चाकरी करे या खेले ताश
या पिए शराब
या चौराहे पर वक़्त करे खराब
लेकिन घर से बाहर रहे
जिए या मरे :
मारती हैं रोज ब रोज जो औरतें,
यों चारदीवारी की अपनी सीमित दुनिया से
बेदखल करती हैं पुरुषों को पति बनाकर --
जो या तो चाकरी करे या खेले ताश
या पिए शराब
या चौराहे पर वक़्त करे खराब
लेकिन घर से बाहर रहे
जिए या मरे :
ऐसी जड़ घृणा से सदियों पुरानी
पत्नियां पतियों को करती हैं प्यार !
पत्नियां पतियों को करती हैं प्यार !
अनुपम
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